How to learn Hindi? हिंदी भाषा, आखिर सीखे कैसे?

navbharat times

आपको सुनाने मैं थोडा सा अटपटा लगेगा पर पूरा लेख पड़ने के बाद, आप शायद इसके शीर्षक से अपने आप को जोड़ पायेंगे| विदेश मैं कुछ साल रहने और दुनिया के कई देशो के नागरिको से वार्तलाप के बाद मैंने जाना की उनका भारत मैं बड़ी ही दिलचस्पी हैं, पर उनके अनुसार उन्हें भारत के बारें मैं सही खबर ठीक से नहीं मिल पाती हैं| उनमें से कई ने भारत भ्रमण से पूर्व हिंदी सिखने की इच्छा जाहिर की, पर सभी ने कहा की उन्होंने अन्य भाषाओँ की तुलना मैं हिंदी सिखने के लिए ऑनलाइन सामग्री नाम मात्र की मिली| जो सामग्री मिली, उसका स्तर इतना अच्छा नहीं था, साथ ही अन्य भाषों की तुलना मैं हिंदी अभ्यास करने वालो की काफी कामी हैं| इस्सी वजह से उन्होंने जो सिका, उसे भी वह ठीक से नहीं इस्तेमाल कर पाएं|

दुनिया मैं बॉलीवुड, भारतीय पकवान और नृत्य की काफी धूम हैं, एवं लोग भारत के बारें मैं और जानकारी बढाना चाहतें हैं, परन्तु भाषा की समस्या आ ही जाती हैं! भले ही हम बोल चाल मैं अंगेरजी को महत्व देने लग गए हो, परन्तु न तो हिंदी को जानने वाले और ना ही हिंदी को सिखने वालों की संख्या मैं कोई कमी नहीं हुए हैं, परन्तु सिखने के लिए कोई बढ़िया माध्यम अभी तक नहीं मिल पाया हैं | ऐसा कोई माध्यम, जिससे ऑनलाइन पर कोई भी कही भी स्वयं की मेहनत से इस भाषा को सिख जाएँ|

मैं ऐसा इसलिए भी कह रहा हूँ, क्यूंकि दुनिया के कई देशो ने अपनी भाषा के प्रचार प्रसार पर काफी धयान दिया हैं! उससे सरलतम बनाने की कोशिश की हैं| ब्रिटिश कौंसिल पूरी दुनिया मैं अंगेरजी के बारें मैं कार्य करती हैं, और बीबीसी की वेबसाइट पर इस भाषा को सिखने और अभ्यास करने के काफी सारें सनाधन नि शुल्क उपलब्ध करवाएं गए हैं! जहां यूरोपियन यूनियन ने भाषा के मापदंड स्थापित कर रखे हैं, जो बताते हैं की किस तरह के कार्य कर लिए कितने घंटे की पड़ी जर्रोरी हैं, हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषाओँ को लेकर्के ऐसा कुछ भी प्रतीत नहीं होता हैं| हिंदी को सरलतम बनाने की भी जरुरत हैं, ताकि जटिल शब्दों का स्थान सरल शब्द ले सके एवं इससे सिखने वाले इसका अधिकतम उपयोग ले सके|

जर्मन एक जटिल भाषा मानी जाती हैं, परन्तु गोथे इंस्टिट्यूट ने पिछले कई सारें प्रयासों के बाद इन्टरनेट पर ऐसे अनेको पाठ्यक्रम नि शुल्क उपलब्ध करवाएं हैं, की कोई भी व्यक्ति इससे कोशिश करके सिख सकता हैं| जर्मन रेडियो की हिंदी प्रसारण सेवा पर ऐसे कुछ पाठ उपलब्ध हैं! चीन रेडियो की हिंदी भाषा के कार्यक्रम दूर दराज तक सुने जा सकते हैं| चीन रेडियो की वेबसाइट पर चीनी भाषा को हिंदी से सिखने के लिए बहुत ही सरल तरीके के पाठ्यक्रम उपलब्ध करवाए गए हैं! सिर्फ चीनी भाषा ही नहीं, बहुत से अन्य देशो ने भाषा सिखने और सिखाने के लिए इन्टरनेट पर काफी सारी सामग्री उपलब्ध करवा रखीं हैं| चाहें वो हिंदी से रुसी सिखने के लिए रेडियो रूस के हिंदी कार्यक्रम हो या फिर जापान रेडियो के जापानी सिखने के लिए हिंदी मैं बनाएं गए पाठ्यक्रम की बात हो, विदेशी भाषाएँ सिखने के लिए काफी कुछ ऑनलाइन उपलब्ध है| फिर ऐसा कुछ हिंदी मैं क्यूँ नहीं हो सकता हैं?

विदेशी ही क्यूँ, आज की तकनीक चालित दुनिया मैं अगर किसी भारतीय को अन्य किसी भारतीय भाषा का ज्ञान प्राप्त करना हो तो, यह एक बहुत ही टेडी खीर हैं| अगर आपको कुछ दिनों के लिए दक्षिण भारत की यात्रा पर जाना हो या फिर अपने व्यापर के लिए दक्षिण भारतीय भाषाएँ सीखना चाहतें हैं, तो बहुत मुश्किल होगी| क्यूंकि विदेशी भाषाओँ की तरह हमारे रेडियो प्रसारण सेवा या भाषा आधरित केंद्र भाषा को अधिक से अधिक लोगो तक पहुचने और तकनीक का उपयोग कर इससे और सरलतम बनाने मैं काफी पीछे हैं!

हिंदी ही क्यूँ, बाकी अन्य भाषाओँ को भी अगर आसानी से सिखने लायक बना दिया जाएँ, तो उतर भारत मैं रहते हुए भी हम थोड़ी बहुत तमिल जान लेंगे, या गुजरात मैं रहते हुए भी तेलुगु के कुछ अभिवादन पहचान लेंगे! आपको कर्नाटक के किसी गाँव मैं भ्रमण पर जाना हो तो, कुछ वाकया ऑनलाइन के ऐसे कोर्सेज से सिख्कर्के अपनी राह आसान बना सकते हैं| पर अभी तो यह सिर्फ एक सपना ही लगता हैं|

जिस तरह से भारत सरकार ने हिंदी को संयुक्त राष्ट्र संघ की मुख्या भाषा बनाने की दिशा मैं कदम उठाएं हैं, मुझे उम्मीद हैं की वह इसे और अन्य भारतीय भाषाओं को और अधिक लोगो को तकनीक की सहायत से पहुचने की दिशा मैं कार्य करेगी|

First appeared at Navbharat Times Hindi Blog on 29-04-2015/ हिंदी भाषा, आखिर सीखे कैसे? नवभारत टाइम्स मैं मेरे ब्लॉग से साभार, २९ अप्रैल २०१५

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