Hindi Poem: हिंदी कविता -द्वन्द (Debate)

#‎suicide‬ ‪#‎depression‬ ‪#‎loneliness‬ are increasing with an alarming in today’s society. Life is so beautiful, then why people choose to end their life?

Well, I do not know the answer of this question. But, through this poem I did try to understand those people, who after battling with many thoughts, chose life over death. Life is difficult but that’s why we human beings are called the most beautiful creature of the god
🙂
to fight against those odds.

It is in my mother-tongue ‪#‎Hindi‬ I will try to get English translation in future. It has been recited at an event organized by Anjuman (Hindi Urdu Poetry Club), Bengaluru. Click here to know more about the event.

युवाओ के बिच आजकल आत्म हत्या, अवसाद जैसे कई मामले देखने को आ रहे हैं| अकेलेपन ने सभी को जकड लिया हैं| मैंने इस कविता के द्वारा जानने की कोशिश की हैं, क्यूँ कोई इस तरह का कदम उठाने को विवश होता हैं और जो लोग इस स्तिथि से वापिस आते हैं, तो कैसे वापिस आते हैं और क्या चल रहा होता हैं उनके बिच|

इस कविता के लिए मैं अंकिता अग्रवाल जो को धन्यव्व्द देना चाहूँगा, क्यूंकि पहली ८ लाइन्स उन्ही के ब्लॉग से ली गयी हैं|
हिंदी टाइपिंग के दौरान वर्तनी मैं हुए गलती के लिए खेद हैं|

इस कविता को अंजुमन की संध्या मैं २२ माय २०१६ को सुनाया गया था| जयादा जानकारी के लिए इस लिंक पर जायें > https://ankitkhandelwal.in/2016/05/24/anjuman-hindi-urdu-poetry-club-bangalore-22-may-2016/

[Mind]
जिंदगी मैं बहुत से लोग मिलेंगे
कुछ संग तो कुछ छोड़ चलेंगे
सपने सजेगे और उम्मीदे टूटेंगी
पर क्या यह जिंदगी इसी के सहारे थम जायेगी ?
[Soul]
जिंदगी तो एक मस्त परिंदा हैं
हकीक़त सुहानी या सपने बेगाने
ये फैसला तो बस हम ही को निभाना हैं
और इसी जिंदगी के संग पंख फैलये उड़ते चले जाना हैं|
[Mind]
जिंदगी मैं बहुत सारी मंजिले मिलेगी
कुछ आसान तो कुछ मुश्किल
कभी निराशा तो कभी आशा हाथ लगेगी
पर क्या यह जिंदगी इसी के सहारे थम जायेगी?
[Soul]
जिंदगी तो चलते रहने का नाम हैं
कभी सुबह तो कभी शाम हैं
बदलो जिंदगी की हर उस निराशा को आशा मैं
और इसी के संग जिंदगी भर पंख फैलये उड़ते चले जाना हैं|
[Mind]
जिंदगी मैं बहुत सारी अप्सराएं मिलेगी
कुछ मनभावन तो कुछ लोकलुभावन
कभी जुड़ेंगे दिल के तार तो कभी चलेंगे शब्दों के बाण
पर क्या जिंदगी इसी सोच के सहारे कट जायेगी ?
[Soul]
जिंदगी तो खुद एक अप्सरा हैं
और बिना भटके तो ना किसी को खुदा मिला हैं
बस अपने अंतर्मन को समझाने वाले साथी का करना हैं चुनाव
और उस्सी के संग जिंदगी भर पंख फैलये उड़ते चले जाना हैं|
[Mind]
जिंदगी मैं बहुत सारें अनुभव होंगे
कभी टूटेगा दुखो का पहाड़ तो कभी होगी खुशियों की बोछार
आसूं भी बहेंगे और मुस्कुराह्ते भी बिखरेगी
पर क्या जिंदगी इस्सी के सहारे कट जायेगी ?
[Soul]
जिंदगी खुद एक खुशनुमा अहसास हैं
मानव जीवन इसीलिए तो खास हैं
ग़मों की धुप मैं बस जिन्दा रखना हैं लड़ने का साहस
और इस्सी साहस के सहारे जीवन को बिताना हैं|
[Mind]
जिंदगी मैं बहुत सारें शहर नापेंगे
कभी देश को कभी परदेश मैं बंजारों की तरह भटकेंगे
उत्साहित भी होंगे और उद्देश्य पूर्ण जिंदगी मैं भागीदार बनेंगे
पर क्या जिंदगी इसी के सहारे कट जायेगी ?
[Soul]
जीवन तो यात्रा का ही दुस्सर नाम हैं
इसीलिए तो उतार चड़ाव इसमें आम हैं
मन से जोड़ो मन के तार और लो पताशे जैसी चट्खार
और इस खट्टी मिटटी जिंदगी मैं इस्सी तरह बढता चला जा मेरे यार|
[Mind]
कभी कृष्ण तो कभी राम
बस जीवन भर जपो किसी ना किसी प्रभु का नाम
प्रभु भक्ति मैं लीनं होकर करो पुरे चारों पुरुषार्थ
पर क्या जिंदगी इस्सी के सहारे कट जायेगी ?
[Soul]
चाहें करो गीता का पाठ या बाचों रामायण हर मंगलवार
भगवन कृष्ण ने भी कहा हैं, मत परेशांन हो मेरे यार
कभी दीपवाली के दिए की रौशनी तो कभी होली के रंग मैं रम जाना हैं
और इन्ही रंगों और रोशनियों के बिच जिंदगी भर पंख फैलये उड़ते चले जाना हैं|

[Mind]
जिंदगी मैं बनेगे दोस्त अपार
दुःख की घडी मैं, कोई देगा साथ तो कोई करेगा पलटवार
सही गलत के इस युद्ध मैं कभी मिलेगी निराशा तो कभी हार
पर क्या जिंदगी इस्सी के सहारे कट जायेगी ?
[Soul]
दोस्तों ने भले ही छोड़ा, परन्तु अपनी आत्मा ने कभी न मुझे तोडा
बनो अपनी अजर अमर आत्मा के परम मित्र
मिल जुल करके तुम दोनों बन जाऊं हर लम्हे के साथी
तो इसी अपनी अंतर आत्मा के संग जिंदगी भर के संग पंख फैलये उड़ते चले जाना हैं|
[Mind]
जिंदगी मैं आएगी जिम्मेदारियं और सामजिक सरोकार
या कभी लगेंगे बंधन अच्छे तो कभी सिर्फ माया रूपी जाल
कभी एकात्मकता तो कभी होगा कुतुब्म्पन का अहसास
पर क्या जिंदगी इसी के सहारे कट जायेगी ?
[Soul]
ढून्दों अपनी हर जिम्मेदारी मैं खुशियाँ हजार
मानव जीवन को , विचारों के जवालामुखी मैं व्यर्थ न करो मेरे यार
अपने मन से शंकाओं को निकल संभावनाओं के खोलो द्वार
और इन्ही सम्भावानो के सहारे जिंदगी के संग पंख फैलये उड़ते चले जाना हैं|
[Ending]
चलो ख़तम हुआ मन का अँधियारा
आत्मा से मन का मिलन हैं बड़ा प्यारा
अब जिंदगी इस्सी मिलन के सहारे कट जायेगी
और मुझे बस जिंदगी भर पंख फैलये उड़ते चले जाना हैं|

Poem Inspiration:

– Initial 8 lines and inspiration of this poem came from the blog post of Ankita Aggarwal (http://thecreatorgod.blogspot.in/2013/03/blog-post.html#gpluscomments)

Disclaimer:

– This is purely a work of fiction and only meant to entertain other people. It may look closer to reality to many but it does not resemble any real incident. Please read the poem in the same context.

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